रिलायंस गुजरात के जामनगर में वर्ष 2026 के मध्य तक स्वच्छ ऊर्जा गीगाफैक्ट्रियां शुरू करने जा रही है, ये फैक्ट्रियां सौर पैनल, बैटरी और इलेक्ट्रोलाइजर का उत्पादन करेंगी।
परिचय
आज हर कोई चाहता है कि बिजली सस्ती हो, पर्यावरण साफ रहे और देश तरक्की करे। इसका सबसे आसान और कारगर रास्ता है – ग्रीन एनर्जी (Green Energy) को अपनाना। इस समय दुनिया का लगभग हर देश ग्रीन एनर्जी की तरफ तेजी से कदम बढा रहा है। भारत भी इस दिशा में तेजी से कार्य कर रहा है। हमारी सरकार ने ग्रीन एनर्जी में निवेश को बढाने के लिए कई लाभकारी नीतियों का शुभ आरंभ किया है। यही कारण है कि विश्व की बडी-बडी कम्पनियां अब भारत की तरफ उम्मीद की नजरों से देख रही है। इसका एक बडा उदाहरण हाल ही में हमने यह देखा कि टेस्ला जैसी बडी, इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कम्पनी ने मुम्बई में अपना पहला शो रुम खोला और आने वाले समय में यहां और निवेश करने की योजना बना रहे हैं। अब हमारे देश की नामचिन रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने भी गुजरात के जामनगर में लगभग 5,000 एकड़ जमीन पर ग्रीन एनर्जी गीगाफैक्ट्रियाँ लगाने का एलान किया है। ये फैक्ट्रियाँ उच्च दक्षता वाले सौर मॉड्यूल, बैटरी, हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, टिकाऊ विमानन ईंधन और चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन करेंगी।
इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि ग्रीन एनर्जी क्या है, इससे भारत को क्या फायदा होगा, और रिलायंस जैसी कंपनियाँ इसमें क्या भूमिका निभा रही हैं।
ग्रीन एनर्जी क्या है?
ग्रीन एनर्जी ऐसी बिजली या उर्जा होती है जो सूरज, हवा, पानी या बायोवेस्ट से बनती है या यूं कहिये कि ये प्राकृतिक स्त्रोतों से बनती है। जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता और पैसे भी बचते हैं।
उदाहरण के लिए:
- सूरज की रोशनी से चलने वाले सोलर पैनलों से बनने वाली ऊर्जा ।
- हवा से चलने वाले विंड टर्बाइन से बनने वाली ऊर्जा ।
- पानी से बनने वाली हाइड्रो पावर ।

रिलायंस की ग्रीन एनर्जी गीगाफैक्ट्री क्या है?
रिलायंस इंडस्ट्रीज़, जो पहले से ही टेलीकॉम, रिटेल और पेट्रोलियम उत्पादों में बहुत आगे है, अब ग्रीन एनर्जी में भी बड़ा निवेश कर रही है। उन्होंने जामनगर (गुजरात) में एक बहुत बड़ी जगह (5000 एकड़) पर 5 गीगाफैक्ट्रियाँ लगाने की योजना बनाई है। जिनका इस वर्ष के अंत तक या वर्ष 2026 के मध्य तक परिचालन शुरु होने की पुरी उम्मीद है। इन इकाइयों से रिलायंस की कुल ऊर्जा लागत में कम से कम 25% की कमी आएगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज का इन ग्रीन एनर्जी गीगाफैक्ट्रियों के बारे यह कहना है कि“जिस तरह जियो ने हमारे देश में डाटा की क्रांति लाई… हम अपने देश के लिए वैसी ही ऊर्जा क्रांति लाने की कोशिश कर रहे हैं।“

ये फैक्ट्रियाँ क्या बनाएँगी:
- सोलर पैनल – बिजली बनाने के लिए
- बैटरियाँ – बिजली को स्टोर करने के लिए
- इलेक्ट्रोलाइज़र – जिससे ग्रीन हाइड्रोजन बनेगा
- फ्यूल सेल्स – हाइड्रोजन से बिजली बनाने के लिए
- सोलर ग्लास और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स – जो सोलर पैनल का जरूरी हिस्सा हैं
Q. हरित ऊर्जा के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज की क्या योजना है?
Ans:-सौर और बैटरी तकनीक पर ज़ोर देते हुए, रिलायंस इंडस्ट्रीज का लक्ष्य भारत में हरित ऊर्जा परिवर्तन का नेतृत्व करना है। मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) अपने नए ऊर्जा व्यवसाय और पेट्रोकेमिकल विस्तार, दोनों में 75,000 करोड़ रुपये (9 अरब अमेरिकी डॉलर) निवेश करने की योजना बना रही है।
Q: रिलायंस ग्रीन एनर्जी के सीईओ कौन हैं?
Ans:- मयंक बंसल ने रिलायंस ग्रीन एनर्जी के सीईओ का पदभार संभाला है।
Q: रिलायंस ग्रीन एनर्जी कंपनी का नाम क्या है?
Ans:- रिलायंस का हरित ऊर्जा का व्यवसाय मुख्य रूप से रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड (RNEL) के अंतर्गत संचालित होता है। RNEL, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की एक सहायक कंपनी है और सौर ऊर्जा, बैटरी तकनीक और हरित हाइड्रोजन सहित विश्व भर में नई ऊर्जा और नई सामग्री व्यवसाय विकसित करने पर केंद्रित है।
Q: भारत की सबसे बड़ी हरित ऊर्जा कंपनी कौन सी है?
Ans:-भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक प्रमुख कंपनी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने खुद को देश की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी और विश्व में दूसरी सबसे बड़ी सौर पीवी डेवलपर के रूप में स्थापित किया है।
Q: हरित ऊर्जा का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता कौन है?
Ans:-चीन वैश्विक नवीकरणीय बिजली का 32% उत्पादन करता है, उसके बाद अमेरिका (11%), ब्राज़ील (7.0%), कनाडा (4.7%) और भारत (4.3%) का स्थान आता है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की ग्रीन एनर्जी गीगाफैक्ट्री से भारत को क्या फायदा होगा?
1. बिजली सस्ती होगी
रिलायंस का कहना है कि इन गीगाफैक्ट्रियों से उनकी खुद की बिजली लागत 25% तक कम हो जाएगी। जब कंपनियों की लागत कम होगी, तो प्रोडक्ट सस्ते होंगे और इससे सीधे तौर पर आम आदमी को भी फायदा होगा।
2. भारत आत्मनिर्भर बनेगा
आज भारत को सोलर पैनल, बैटरी और सोलर ग्लास जैसी चीजों का आयात करना पडता हैं। लेकिन जब ये सब देश में ही बनेंगी, तो विदेशों पर निर्भरता कम होगी और हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा।
3. रोजगार बढ़ेगा
इन गीगाफैक्ट्रियों में हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही, इनके आसपास और भी छोटे उद्योग खुलेंगे – जैसे ट्रांसपोर्ट, मेंटेनेंस, इलेक्ट्रिकल सर्विस आदि। लोग आत्मनिर्भर बनेंगे।
4. पर्यावरण बचेगा
ग्रीन एनर्जी से प्रदूषण नहीं होता। इससे CO₂ जैसी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम होगा और लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा।
5. एक्सपोर्ट और विदेशी कमाई
इन गीगाफैक्ट्रियों के लगने से भारत ग्रीन हाइड्रोजन और सोलर प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट करेगा जिससे विदेशी मुद्रा (डॉलर आदि) भारत आयेंगे, जो हमारे देश की अर्थव्यवस्था को मजबुत करेगा।

ग्रीन हाइड्रोजन – भारत की नई ताकत
ग्रीन हाइड्रोजन एक ऐसा ईंधन है जो पानी से बनाया जाता है। इसमें कोई प्रदूषण नहीं होता और इसे बिजली, फैक्ट्री, ट्रक, ट्रेन सब में इस्तेमाल किया जा सकता है।
भारत का लक्ष्य:
- 2030 तक 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन बनाना।
- इससे 6 लाख नई नौकरियाँ और 8-10 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा।
- 50 मिलियन टन प्रदूषण कम होगा।
सरकार ने इसके लिए “ग्रीन हाइड्रोजन मिशन” शुरू किया है और कई राज्यों में इससे जुड़े प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं।
🤝 साझेदारियाँ और सरकारी योजनाएँ
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा है कि जब ये गीगाफैक्ट्रियाँ पूरी तरह काम करने लगेंगी, तब वो दूसरी कंपनियों के साथ साझेदारी करेगी। इससे:
- नए निवेश आएँगे
- बिजली की खरीद के लिए लंबे समझौते होंगे
- रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा
सरकार की मदद:
- PLI योजना (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव)
- SIGHT प्रोग्राम – ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए
- एंटी डंपिंग टैक्स – सोलर ग्लास पर विदेशी कंपनियों से सस्ता माल मंगाने से रोकने के लिए

निष्कर्ष
ग्रीन एनर्जी सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं है, यह भारत के भविष्य की दिशा है। जब देश खुद अपनी बिजली बनाएगा, रोजगार देगा, पर्यावरण की रक्षा करेगा और सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराएगा – तब हम सच में “आत्मनिर्भर भारत” बन पाएँगे। जिससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था को पंख लगेंगे और हमारे देश से बरोजगारी, गरीबी को दूर करने की दिशा में आगे बढने में मदद मिलेगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज तथा अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड जैसी कंपनियों की पहल और सरकार की योजनाएँ मिलकर इस दिशा में बहुत बड़ी क्रांति ला रही हैं। अगर हम सब मिलकर ग्रीन एनर्जी को अपनाएँ, तो आने वाली पीढ़ियों को एक बेहतर, साफ और सुन्दर दुनिया मिलेगी और वे हम सब पर गर्व करेंगे।
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