“भारत का Biofuel(जीव ईंधन) उछालः Clean/Green Energy को बढावा, किसानों का सशिक्तिकरण और तेल आयात में भारी कटौती”

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जानें कि कैसे  Biofuel भारत की Clean Energy Revaluation को गति दे रहे है, Oil Import को कम कर रहे हैं, किसानों को सशक्त बना रहे हैं और पर्यावरण का संरक्षण कर रहे हैं? आईऐ इसकी नीति, चुनौतियों व क्षमता पर चर्चा करते हैं।

Plane and a gas station with the inscription BIO. Decarbonization concept
Plane and a gas station with the inscription BIO. Decarbonization concept

प्रस्तावनाः- भारत को Clean/Green Energy की आवश्यकता

विश्व के अधिकांश देश ऊर्जा उत्पादन करने के लिए जीवश्म ईंधनों पर निर्भर हैं। इसकी वजह से बहुत सी जहरीली गैसें उत्पन्न होती हैं जो हमारे पर्यावरण को दिन-प्रतिदिन प्रदुषित कर रही है। इस प्रदुषण के कारण हमारा पृथ्वी ग्रह बहुत तेजी से गर्म हो रहा है। इस बढते तापमान के कारण गलेशियर तेजी से पिघल रहे हैं व समुद्र का जल स्तर बढ रहा है तथा जलवायु में भी तेजी से बदलाव आ रहा है। जो हमारे सामने बहुत बडी चुनौतियों के रुप में खडे हो गये हैं। इसके समाधान में, दुनिया और मुख्य रुप से भारत को स्वच्छ, नवीकरणीय और घरेलू रुप से प्राप्त ऊर्जा की ओर तेजी से कदम उठाने चाहिए।     

उपरोक्त चुनौतियों के स्थाई समाधान के विकल्पों में जैव ईंधन एक व्यापक व महत्पपुर्ण विकल्प बनकर सामने आ रहा है। भारत जैसे विकासशील देश के लिए जैव ईंधन न केवल पर्यावरणीय लाभ प्रदान कर रहा है, बल्कि इसके साथ-साथ ऊर्जा सुरक्षा, ग्रामिण ईलाकों मे आर्थिक सशक्तिकरण और आयात किऐ जा रहे तेल पर से निर्भरता को कम करता है।

इसके अतिरिक्त विश्व के अधिकांश देश Clean/Green Energy के प्रयोग व उत्पादन को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसी दिशा में एक कदम यह है कि विश्व में हर वर्ष 10 अगस्त को World Biofuel Day मनाया जाता है। इस दिन जीवाश्म ईंधनों के जगह पर गैर-जीवाश्म ईंधनों के महत्व के बारे मे जागरुकता फैलाई जाती है औऱ जैव ईंधन क्षेत्र में सरकार द्वारा किये गए विभिन्न कार्यों के बारे में भी प्रकाश डाला जाता है।

FAQs(अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1.विश्व का सबसे बड़ा जैव ईंधन कहाँ स्थित है?

उतरः- विश्व का सबसे बडा जैव ईंधन उत्पादन संयंत्र संयुक्त राज्य अमेरिका मे स्थित है।

2.जैव ईंधन का उदाहरण क्या है?

उतरः-वनस्पति तेलों से बनाए जाने वाले ईंधन जैसे कि बायोएथेनॉल और बायोडीजल जैव ईंधन के मुख्य उदाहरण है।

3.जैव ईंधन कितने प्रकार के होते हैं?

उतरः- जैव ईंधन (Biofuels) मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं: बायोडीजल और बायोएथेनॉल।

4.विश्व जैव ईंधन दिवस कब मनाया जाता है?

उतरः- विश्व जैव ईंधन दिवस हर वर्ष 10 अगस्त को मनाया जाता है।

5.जैव ईंधन क्या हैं?

उतर- जैव ईंधन का उत्पादन पौधों से या कृषि, घरेलू या औद्योगिक जैव कचरे से किया जा सकता है। जैव ईंधन का उपयोग ज्यादातर परिवहन के लिए किया जाता है। जैव ईंधन को अक्षय ऊर्जा स्रोत माना जाता है।

Biofuel (जैव ईंधन) क्या है?

Biofuel (जैव ईंधन) एक नवीकरणीय ऊर्जा का प्रमुख स्त्रोत है। जो कृषि कचरे, शैवाल, बायोमास तथा जैविक नगरपालिका कचरे से बनाए जाते हैं। जो बहुत कम ग्रीनहाउस गैसें उत्सर्जित करते हैं। जो इन्हें स्वच्छ और अधिक उपयोगी बनाते हैं। इसके विपरीत जीवाश्म ईंधनों को तैयार होने में लाखों वर्ष लगते हैं और इनके जलने पर बडी मात्रा में कार्बन-डाइक्साइड जैसी कई खतरनाक गैसें उत्पन्न होती हैं। जो हमारे पर्यावरण को बहुत नुकसान पहुंचाती है।

Gasoline gushing out from pump isolated on white background
Gasoline gushing out from pump isolated on white background

भारत के लिए Biofuel (जैव ईंधन) क्यों महत्वपूर्ण हैं?

 भारत के लिए Biofuel बहुत महत्वपुर्ण है क्योंकि भारत एक विकासशील देश है और किसी देश को उन्नति करने के लिए औघोगिक विकास बहुत आवश्यक है जिसके लिए प्रचुर मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इस ऊर्जा की पुर्ति के लिए भारत कच्चे तेल का इस्तेमाल करता है। भारत अपने कच्चे तेल का 80% से अधिक आयात करता है। जो हमारे देश की अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ डालता है इसलिए जैव ईंधन की महता बढ जाती है।

इसके अतिरिक्त भारत की जनसंख्या विश्व में पहले स्थान पर पहुंच चुकी है। जिससे भारत में पेट्रोल-डिजल की खपत भी बहुत ज्यादा बढ चुकी है। पेट्रोल- डीजल के विकल्प के रुप में इथेनाल और बायोडीजल को अपनाकर हम कार्बन उत्सर्जन में कमी, ऊर्जा स्वतंत्रता में सुधार, किसानों को नये आय के स्त्रोतों को उपलब्ध करवाना व ग्रामीण रोजगार को बढावा देना इत्यादि जैव ईंधन को एक हरित ईंधन के विकल्प से कहीं अधिक महत्वपुर्ण बनाता है। जो स्वच्छ व आत्मनिर्भर भारत के उज्जवल भविष्य को तय करने में महत्वपुर्ण भूमिका निभा सकता है।

Bio Fuel Tank

Biofuel Policy of India: लक्ष्य व प्रगतिः-

भारत जैव ईंधन को अपनाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है।राष्ट्रीय जैव-ऊर्जा नीति, जिसे वर्ष 2018 में शुरु किया गया था और वर्ष 2022 में इसमें संशोधन किया गया है। इस नीति में भारत के जैव ईंधन से सम्बंधित महत्वकांशी लक्ष्य को निर्धारित व स्पष्ट किया गया है।

     इस नीति की एक प्रमुख उपलब्धि 20% इथेनाल मिश्रण का लक्ष्य है, जिसे इसी वर्ष 2025, मार्च माह में ही प्राप्त कर लिया गया, जो कि निर्धारित समय से 5 वर्ष पहले है। पेट्रोल में इथेनाल मिश्रण वर्ष 2014 में मात्र 1.5% था जो बढकर वर्ष 2024 में 12% से अधिक हो गया है। जो इस नीति के तेजी और प्रभावी कार्यान्वयन को दर्शाता है। पेट्रोल मे इथेनाल मिश्रण से वाहनों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करेगा व इसके साथ-साथ आयात किये जा रहे कच्चे तेल से पडने वाले वितिय बोझ को भी कम करेगा।

वैश्विक नेतृत्वः G20 में Global Biofuel Alliance

भारत ने वर्ष 2023 में G20 शिखर सम्मेलन में Global Biofuel Alliance की शुरुआत की, जिसके निम्नलिखित उद्धेश्य हैः-

  1. Biofuel (जैव ईंधन) के अनुसंधान में वैश्विक सहयोग को बढाना।
  2. G20 के सदस्य देशों के बीच जैव ईंधनों से सम्बधित ज्ञान का आदान प्रदान।
  3. उत्पादन के मानकों का वैश्वीकरण।

यह पहल भारत को वैश्विक हरित व स्वच्छ ऊर्जा नेतृत्व की ओर अग्रसर कर रही है।

Bio Fuel invention

जमीनी स्तर पर जैव ईंधन को बढावा देने में प्रमुख पहलः SATAT (Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation)

भारत सरकार की जैव ईंधन को प्रोत्साहन देने वाली नितियों से होने वाले प्रमुख बदलावों के साथ-साथ, SATAT (सस्ती परिवहन की ओर सतत विकल्प) जैसी जमीनी स्तर की पहल भारत के कचरे से ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र में क्रांति ला रही है। SATAT के तहत, देश भर में जगह- जगह हजारों संपीडित जैव-गैस संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। ये संयंत्र फसलों के कचरे, गोबर व नगरपालिका के जैविक कचरे को स्वच्छ-जलने वाली गैस में परिवर्तित करते हैं। जिससे अपशिष्ट प्रबंधन ऊर्जा उत्पादन मे बदल जाता है।

SATAT(Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation) के बारे में ज्यादा जानने के लिए यहां क्लिक करें।

भारतीय किसानों का उत्थान व अवसरः-

जैव ईंधन का सबसे परिवर्तनकारी पहलुओं में से एक पहलु यह है कि ये किसानों को प्रत्यक्ष रुप से लाभ पहुचाता है जैसे किः –

  1. किसान फसलों के कचरे को जलाकर प्रदुषण फैलाने के बजाय, इसे जैव    ईंधन उत्पादकों को बेच सकते हैं और इससे मुनाफा कमा सकते हैं। इससे फसलों का कचरा एक मूल्यावान संसाधन बन जाता है।
  2. भारत में गैर-खाद्य़ व अखादय तिलहनों की प्रचुर उपलब्धता, खाद्य सुरक्षा को खतरे में डाले बिना, जैव ईंधन उत्पादन के लिए एक मजबूत विकल्प प्रदान करती है।
  3. इससे आय के नये स्त्रोतों का निर्माण होता है।
Bio Fuel plant

चुनौतियां जिन पर कार्य करने की आवश्यकता हैः-

भारत में जैव ईंधन पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से विकसित तो हो रहा है परन्तु इसमें अभी बहुत सी चुनौतियां है। जिनपर कार्य करने की बहुत आवश्यकता है जैसे किः –

  1. कच्चे माल की उपलब्धताः–

जैव ईंधन के लगातार उत्पादन में कच्चे माल की उपलब्धता एक बहुत बडी चुनौती है। जिससे पार पाना बहुत आवश्यक है क्योंकि कृषि कचरा मौसमी होता है जिस वजह से इसकी आपूर्ति अनियमित हो जाती है। जो जैव ईंधन उत्पादन को प्रभावित करता है। साल भर जैव ईंधन उत्पादन को सुनिश्चित करने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति का प्रबंधन महत्वपूर्ण है।

 2. उच्च उत्पादन लागत:-

दूसरी पीढी के जैव ईंधन, जो खाद्य़ फसलों के बजाय कचरे से बनाये जाते हैं, तकनीकी रुप से जटिल होते हैं और इनका उत्पादन भी महंगा होता है।

3. तकनीकी बाधाएंः-

विभिन्न प्रकार के जैविक कचरे को ईंधन में बदलने के लिए उन्नत तकनीकों की आवश्यकता होती है। जिनमें से कई अभी भी विकासशील है या अभी धरातल पर नहीं है।

4.आगे के सफर में रणनीतिक अनिवार्यताः-

जैव ईंधन के उत्पादन में कई बाधाओं के बाबजूद भी आगामी दिशा बिल्कुल स्पष्ट दिखाई दे रही है। जैव ईंधन की तरफ भारत के कदम सिर्फ एक पर्यावरणीय संरक्षण की पहल नहीं है बल्कि यह एक रणनीतिक कदम है जैसे किः-

  1. इससे राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा बढती है।
  2. जलवायु परिवर्तन से लडने में मदद मिलती है।
  3. भारत वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सकता है।
  4. ग्रामीण भारत सशक्त बनता है।
  5. रोजगार के नये-नये अवसर मिलते हैं।

इस क्षेत्र में सरकार का नीतिगत समर्थन, निजी निवेश व जन भागीदारी व जागरुकता जैव ईंधन के भविष्य को भारत में नया रुप दे सकते हैं।

Bio Fuel concept
Bio fuel concept

निष्कर्षः-

भारत आज के समय में हरित व स्वच्छ ऊर्जा क्रांति के दौर से गुजर रहा है। जैव ईंधन भारत के लिए अब को कल्पना या सपना नहीं बल्कि यह अब वर्तमान व पर्यावरण संरक्षण व कई समस्याओं का समाधान बन चुका है। पेट्रोल में इथेनाल मिश्रण के लक्ष्यों से लेकर वैश्विक गठबंधनों व ग्रामीण विकास समेत यह आर्थिक, सामाजिक और रणनीतिक परिवर्तन का प्रतीक बन चुका है।

जैव ईंधन में लगातार प्रगति से भारत सिर्फ कार्बन नहीं घटा रहा, बल्कि अपनी ऊर्जा नियति व उज्जवल भविष्य की गाथा लिख रहा है।

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