संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार 2025 में सौर और पवन ऊर्जा दुनिया की सबसे सस्ती बिजली स्रोत बन गई हैं। जानें भारत की रणनीति, IREDA की भूमिका, और Renewable energy shares के निवेश के मौके।

1. परिचय (Introduction)
- जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा संकट के इस दौर में पूरी दुनिया अब पारंपरिक fossil fuels से हटकर Renewable energy की ओर तेज़ी से बढ़ रही है।
- हाल ही में प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र (UN) रिपोर्ट के अनुसार, सौर ऊर्जा (solar energy) और पवन ऊर्जा (wind energy) अब दुनिया के सबसे सस्ते बिजली स्रोत बन चुके हैं।
- यह रिपोर्ट सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि नई ऊर्जा क्रांति की शुरुआत है — और भारत इस परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
2. UN रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु (Key Highlights of the UN Report)
- रिपोर्ट का नाम: Seizing the Moment of Opportunity
- प्रकाशित: जुलाई 2025
- निष्कर्ष:
- 2024 में दुनिया में जुड़ी नई बिजली क्षमता का 92.5% हिस्सा Renewable energy sources से आया।
- सौर ऊर्जा की लागत में 41% गिरावट, पवन ऊर्जा की लागत में 53% गिरावट दर्ज की गई।
- दुनिया भर में $2 ट्रिलियन का निवेश Renewable energy में हुआ, जो फॉसिल फ्यूल से कहीं ज्यादा है।

3. Solar और Wind Power सबसे सस्ते कैसे बने?
- Technology Advancement: बेहतर सोलर पैनल्स और टरबाइन्स से उत्पादन लागत घटी।
- Mass Production & Competition: बड़े पैमाने पर निर्माण और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा से कीमतें घटीं।
- Policy Support: सरकारों की ओर से सब्सिडी, टैक्स छूट और Net Metering जैसी योजनाओं ने इसे बढ़ावा दिया।
- सौर और पवन ऊर्जा अब कोयला, डीज़ल और गैस से कहीं ज्यादा सस्ते साबित हो रहे हैं और सबसे बडी बात की ये हमारे पर्यावरण के संरक्षण के लिए उपयोगी भूमिका निभाते हैं ।

4. भारत में नवीकरणीय ऊर्जा का विकास (India’s Renewable Energy Growth)
- भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत बडी मात्रा में निवेश किया जा रहा है। रिलांयस इंडस्ट्रिज, अदाणीं ग्रुप और बहुत सी बडी-बडी प्राईवेट कम्पनियां नवीकरणीय ऊर्जा में भारी मात्रा में निवेश कर रहे हैं और आने वाले समय में हमारा देश विश्व भर में मुख्य धारा में आ चुका है और सबसे बड़े Renewable energy बाजारों में से एक बन चुका है।
- Indian Renewable Energy Development Agency (IREDA) की प्रमुख भूमिका रही है —
- यह संस्था सौर, पवन, बायोमास जैसे renewable energy sources के प्रोजेक्ट्स को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- 2024-25 में IREDA ने 20,000+ करोड़ रुपये के ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स को फंड किया।जो अपने आप में बहुत गर्व का विषय है।

5. Renewable Energy Shares & Price: निवेशकों के लिए सुनहरा मौका
- सौर और पवन ऊर्जा के बढ़ते प्रोजेक्ट्स से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में ज़बरदस्त उछाल देखा गया है।
- उदाहरण:
- Adani Green Energy, Tata Power Renewables, Suzlon Energy, Inox Wind जैसी कंपनियाँ अब निवेशकों के फोकस में हैं।
- 2024-25 में Renewable energy shares ने Nifty और Sensex की तुलना में बेहतर रिटर्न दिए हैं।
- Experts मानते हैं कि आने वाले 5–10 साल में इन शेयरों में बड़ी ग्रोथ संभावनाएं हैं।
6. फॉसिल फ्यूल्स की स्थिति: गिरता साम्राज्य
- संयुक्त राष्ट्र महासचिव Antonio Guterres ने कहा —
- “The fossil fuel age is flailing and failing.”
- दुनिया में बढ़ती जागरूकता, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बढ़ती संख्या और नवीकरणीय ऊर्जा के सस्ते विकल्पों के चलते कोयला और तेल अब पीछे छूट रहे हैं।
7. भारत की रणनीति और योजनाएं (India’s Green Energy Vision)
- PM-KUSUM योजना के तहत किसानों को सौर पंप और ग्रिड से जोड़ने की सुविधा।
- Net Metering Policy से घरों और उद्योगों को बिजली उत्पादन में भागीदार बनाया गया।
- 2030 तक भारत का लक्ष्य है – 500 GW Renewable energy capacity तक पहुँचना।

8. भविष्य की दिशा: क्या उम्मीद करें?
- 2030 तक: Renewable energy global electricity supply का 60% से अधिक हिस्सा हो सकता है।
- Smart Grid, Battery Storage, EV Infrastructure में नई संभावनाएं।
- नई नौकरियाँ, Clean Economy और Carbon Neutral भविष्य।
9. निष्कर्ष (Conclusion)
- संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि अब समय है Renewable energy को अपनाने का।
- भारत में इस परिवर्तन की ज़मीन तैयार है – ज़रूरत है आम लोगों, निवेशकों और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर आगे बढ़ने की।
- “भविष्य उन्हीं का है जो आज हरित ऊर्जा में निवेश कर रहे हैं।”
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